माँ केे लिए शायरी - Maa shayari in hindi 2023 -Bigshayari1
जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ, मैं खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ। .
किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता, शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता। .
जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ, मैं खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ। .
किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता, शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता। .
0 Comments